उदासी (Dejection)
अंधेरा मुझे डरा रहा है,
लेकिन उजालाभी नहीं सह सकता
भीड़में दिल नहीं लगता
लेकिन अकेलापन मुझे खा रहा है.
बंद कमरेमे मुझे अपनेसेही डर लग रहा है
आईनेमें मेरा चेहरा मुझे डरा रहा है।
मरनेका तो डर है मगर,
जिंदगी से भय हो रहा है।
इस उजालेसे कही दूर छुप जाऊ मेँ
पर अन्धेरे से भी डर क्युँ लग रहा है।
बंद कमरेमे मैं, अपने आपसे हि डर रहा हूँ,
आइनेमें मेरा चेहरा मुझे डरा रहा है क्यूँ।