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अस्तित्व (Existence)

जाने कहाँ खो गया
मेरे दिल का दिया,
रोशनी भरे जहाँ में,
अंधेरा छा गया |

दुनिया को तो तअल्लुक़ है सिर्फ,
सूरज और चाँद की रोशनी से
रहती है ये दुनिया मशगूल
सदा अपने ही आलाप में |

वैसे तो है यहाँ लाखो दिये और तारे,
क्या रोए गी दुनिया खाक,
के बुझ गया एक दिया यहाँ पे |