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गहराई

तुम क्या जानो कितने तूफान,
मचल रहे है इस दिलमैं,
आईनेमें देखा तो,
एक भी नजर आया न मुझे।
सागर गहरा कितनी लेहेरे,
पानी दिखता संथ बहे,
जब किनारे टकराये,
खलबल नजर आये मुझे।